कुयोनि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> प्राणियों की सांसारिक वैकारिक पर्यायें । इनकी संख्या चौरासी लाख इस प्रकार है― नित्यनिगोद, इतरनिगोद, पृथिवीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक और वायुकायिक जीवों की सात-सात लाख, वनस्पतिकायिक को दस लाख, | <p> प्राणियों की सांसारिक वैकारिक पर्यायें । इनकी संख्या चौरासी लाख इस प्रकार है― नित्यनिगोद, इतरनिगोद, पृथिवीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक और वायुकायिक जीवों की सात-सात लाख, वनस्पतिकायिक को दस लाख, विकलेंद्रिय जीवों की छ: लाख, मनुष्यों की चौदह लाख तथा पंचेंद्रिय तिर्यंच, नारकी और देव की क्रमश: चार-चार लाख । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.56-58 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ कुमुमामोद | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ कुरंग | अगला पृष्ठ ]] | [[ कुरंग | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 16:21, 19 August 2020
प्राणियों की सांसारिक वैकारिक पर्यायें । इनकी संख्या चौरासी लाख इस प्रकार है― नित्यनिगोद, इतरनिगोद, पृथिवीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक और वायुकायिक जीवों की सात-सात लाख, वनस्पतिकायिक को दस लाख, विकलेंद्रिय जीवों की छ: लाख, मनुष्यों की चौदह लाख तथा पंचेंद्रिय तिर्यंच, नारकी और देव की क्रमश: चार-चार लाख । हरिवंशपुराण 18.56-58