केवली: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) केवलज्ञान धारी मुनि- | <p id="1"> (1) केवलज्ञान धारी मुनि-अर्हंतदेव । पंचमकाल में भगवान् महावीर के बाद ऐसे तीन केवली मुनि हुए है― इंद्रभूति (गौतम), सुधर्माचार्य और जंबू ये त्रिकाल संबंधी समस्त पदार्थों के ज्ञाता और द्रष्टा होते हैं । सिद्धौ के दर्शन ज्ञान और सुख को संपूर्ण रूप से ये ही जानते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 2.61, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 105.197-199 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1.58-60 </span></p> | ||
<p id="2">(2) | <p id="2">(2) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.112 </span></p> | ||
Revision as of 16:21, 19 August 2020
(1) केवलज्ञान धारी मुनि-अर्हंतदेव । पंचमकाल में भगवान् महावीर के बाद ऐसे तीन केवली मुनि हुए है― इंद्रभूति (गौतम), सुधर्माचार्य और जंबू ये त्रिकाल संबंधी समस्त पदार्थों के ज्ञाता और द्रष्टा होते हैं । सिद्धौ के दर्शन ज्ञान और सुख को संपूर्ण रूप से ये ही जानते हैं । महापुराण 2.61, पद्मपुराण 105.197-199 हरिवंशपुराण 1.58-60
(2) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.112