कंदर्प: Difference between revisions
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<p> | <p> सर्वार्थसिद्धि/7/32/369/14 <span class="SanskritText">रागोद्रेकात्प्रहासमिश्रोऽशिष्टवाक्प्रयोग: कन्दर्प:। </span><span class="HindiText">= रागभाव की तीव्रतावश हास्य मिश्रित असभ्य वचन बोलना कन्दर्प है। ( राजवार्तिक/7/32/1/556 ), ( भगवती आराधना / विजयोदया टीका/180/398/1 )। </span></p> | ||
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Revision as of 19:10, 17 July 2020
सर्वार्थसिद्धि/7/32/369/14 रागोद्रेकात्प्रहासमिश्रोऽशिष्टवाक्प्रयोग: कन्दर्प:। = रागभाव की तीव्रतावश हास्य मिश्रित असभ्य वचन बोलना कन्दर्प है। ( राजवार्तिक/7/32/1/556 ), ( भगवती आराधना / विजयोदया टीका/180/398/1 )।