चंद्रप्रभु: Difference between revisions
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( | ( महापुराण/ श्लोक नं.) पूर्वभव नं.7 में पुष्करद्वीप पूर्वमेरु के पश्चिम में सुगन्धि देश के श्रीवर्मा नाम के राजा थे।73-76। पूर्वभव नं.6 में श्रीप्रभ विमान में श्रीधर नामक देव हुए।82। पूर्वभव नं.5 में धातकीखण्ड द्वीप पूर्वमेरु के भरत क्षेत्र में अलकादेशस्थ अयोध्या के अजितसेन नामक राजा हुए।96-97। पूर्वभव नं.4 में अच्युतेन्द्र हुए।122-126। पूर्वभव नं.3 में पूर्वधातकीखण्ड में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर के पद्मनाभ नामक राजा हुए।143। पूर्वभव नं.2 में वैजयन्त विमान में अहमिन्द्र हुए।158-162। और वर्तमान भव में आठवें तीर्थंकर चन्द्रप्रभुनाथ हुए–देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]। | ||
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Revision as of 19:11, 17 July 2020
( महापुराण/ श्लोक नं.) पूर्वभव नं.7 में पुष्करद्वीप पूर्वमेरु के पश्चिम में सुगन्धि देश के श्रीवर्मा नाम के राजा थे।73-76। पूर्वभव नं.6 में श्रीप्रभ विमान में श्रीधर नामक देव हुए।82। पूर्वभव नं.5 में धातकीखण्ड द्वीप पूर्वमेरु के भरत क्षेत्र में अलकादेशस्थ अयोध्या के अजितसेन नामक राजा हुए।96-97। पूर्वभव नं.4 में अच्युतेन्द्र हुए।122-126। पूर्वभव नं.3 में पूर्वधातकीखण्ड में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर के पद्मनाभ नामक राजा हुए।143। पूर्वभव नं.2 में वैजयन्त विमान में अहमिन्द्र हुए।158-162। और वर्तमान भव में आठवें तीर्थंकर चन्द्रप्रभुनाथ हुए–देखें तीर्थंकर - 5।