तुरीयचारित्र: Difference between revisions
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Revision as of 16:23, 19 August 2020
सूक्ष्मसांपराय चारित्र । यह संज्वलन लोभ का अत्यंत मंद उदय होने पर दशम गुणस्थान में होता है । महापुराण 54.225