नागदत्ता: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) तीर्थंकर धर्मनाथ की शिविका । वे इसमें बैठकर शालवन में गये थे और वहाँ उन्होंने दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 61.38 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) तीर्थंकर धर्मनाथ की शिविका । वे इसमें बैठकर शालवन में गये थे और वहाँ उन्होंने दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 61.38 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कौमुदी नगर के राजा सुमुख की मदना नामक वेश्या की पुत्री । इसकी माँ ने एक तपस्वी के ब्रह्मचर्य की परीक्षा के लिए उसके पास इसे ही भेजा था । इसने तपसी का तप भंग करके राजा के समक्ष उसका अभिमान भंग करने में माँ का सहयोग किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.180-212 </span></p> | <p id="2">(2) कौमुदी नगर के राजा सुमुख की मदना नामक वेश्या की पुत्री । इसकी माँ ने एक तपस्वी के ब्रह्मचर्य की परीक्षा के लिए उसके पास इसे ही भेजा था । इसने तपसी का तप भंग करके राजा के समक्ष उसका अभिमान भंग करने में माँ का सहयोग किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.180-212 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
(1) तीर्थंकर धर्मनाथ की शिविका । वे इसमें बैठकर शालवन में गये थे और वहाँ उन्होंने दीक्षा ली थी । महापुराण 61.38
(2) कौमुदी नगर के राजा सुमुख की मदना नामक वेश्या की पुत्री । इसकी माँ ने एक तपस्वी के ब्रह्मचर्य की परीक्षा के लिए उसके पास इसे ही भेजा था । इसने तपसी का तप भंग करके राजा के समक्ष उसका अभिमान भंग करने में माँ का सहयोग किया था । पद्मपुराण 39.180-212