नागदेव: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
आप ‘मयण पराजय’ के कर्ता हरिदेव सूरि के ही वंश में उनकी छठी पीढ़ी में हुए थे। ‘कन्नड़ भाषा में रचित उपरोक्त | आप ‘मयण पराजय’ के कर्ता हरिदेव सूरि के ही वंश में उनकी छठी पीढ़ी में हुए थे। ‘कन्नड़ भाषा में रचित उपरोक्त ग्रंथ के आधार पर आपने मदन पराजय’ नामक संस्कृत भाषाबद्ध ग्रंथ की रचना की थी। समय–वि.श.14 का मध्य। (ती./4/62)। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:26, 19 August 2020
आप ‘मयण पराजय’ के कर्ता हरिदेव सूरि के ही वंश में उनकी छठी पीढ़ी में हुए थे। ‘कन्नड़ भाषा में रचित उपरोक्त ग्रंथ के आधार पर आपने मदन पराजय’ नामक संस्कृत भाषाबद्ध ग्रंथ की रचना की थी। समय–वि.श.14 का मध्य। (ती./4/62)।