निषद्याक्रिया: Difference between revisions
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<p> उपासकाध्ययनाग में वर्णित गर्भान्वय की त्रैपन क्रियाओं में नवीं क्रिया । इस क्रिया में मांगलिक द्रव्यों के पास रखे हुए आसन पर बालक को बैठाया जाता है और उसकी उत्तरोत्तर दिव्यआसनों पर बैठने की योग्यता की कामना की जाती है । <span class="GRef"> महापुराण 38. 55, 93-94 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> उपासकाध्ययनाग में वर्णित गर्भान्वय की त्रैपन क्रियाओं में नवीं क्रिया । इस क्रिया में मांगलिक द्रव्यों के पास रखे हुए आसन पर बालक को बैठाया जाता है और उसकी उत्तरोत्तर दिव्यआसनों पर बैठने की योग्यता की कामना की जाती है । <span class="GRef"> महापुराण 38. 55, 93-94 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
उपासकाध्ययनाग में वर्णित गर्भान्वय की त्रैपन क्रियाओं में नवीं क्रिया । इस क्रिया में मांगलिक द्रव्यों के पास रखे हुए आसन पर बालक को बैठाया जाता है और उसकी उत्तरोत्तर दिव्यआसनों पर बैठने की योग्यता की कामना की जाती है । महापुराण 38. 55, 93-94