निसर्गक्रिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> आस्रव बढ़ाने वाली पच्चीस क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया । इस क्रिया से पापोत्पादक वृत्तियों को अच्छी तरह समझ लिया जाता है <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.75 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आस्रव बढ़ाने वाली पच्चीस क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया । इस क्रिया से पापोत्पादक वृत्तियों को अच्छी तरह समझ लिया जाता है <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.75 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
आस्रव बढ़ाने वाली पच्चीस क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया । इस क्रिया से पापोत्पादक वृत्तियों को अच्छी तरह समझ लिया जाता है हरिवंशपुराण 58.75