नैगमनय: Difference between revisions
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<p>सात नयों में प्रथम नय । यह अनिष्पन्न पदार्थ के संकल्प मात्र को विषय करता है । यह तीन प्रकार का होता है, भूत नैगम भावी नैगम और वर्तमान नैगम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.41-43 </span></p> | <div class="HindiText"> <p>सात नयों में प्रथम नय । यह अनिष्पन्न पदार्थ के संकल्प मात्र को विषय करता है । यह तीन प्रकार का होता है, भूत नैगम भावी नैगम और वर्तमान नैगम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.41-43 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें नय - III.2-3।
पुराणकोष से
सात नयों में प्रथम नय । यह अनिष्पन्न पदार्थ के संकल्प मात्र को विषय करता है । यह तीन प्रकार का होता है, भूत नैगम भावी नैगम और वर्तमान नैगम । हरिवंशपुराण 58.41-43