पुण्यास्रव: Difference between revisions
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<p> पुण्य की प्राप्ति । यह सरागी जीवों को उपादेय | <p> पुण्य की प्राप्ति । यह सरागी जीवों को उपादेय किंतु मुमुक्षुओं के लिए हेय होता है । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 17.50 </span></p> | ||
Revision as of 16:28, 19 August 2020
पुण्य की प्राप्ति । यह सरागी जीवों को उपादेय किंतु मुमुक्षुओं के लिए हेय होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 17.50