प्रवचनभक्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p> तीर्थंकर नामकर्म के जन्म में कारण भूत सोलह भावनाओं में तेरहवीं भावना । इस भावना से मन, वचन ओर काय की शुद्धता पूर्वक आगम में श्रद्धा बढ़ती है । <span class="GRef"> महापुराण 63.311, 327, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34. 131, 141, </span></p> | ||
Revision as of 16:28, 19 August 2020
तीर्थंकर नामकर्म के जन्म में कारण भूत सोलह भावनाओं में तेरहवीं भावना । इस भावना से मन, वचन ओर काय की शुद्धता पूर्वक आगम में श्रद्धा बढ़ती है । महापुराण 63.311, 327, हरिवंशपुराण 34. 131, 141,