बुद्धिसागर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) भरतेश का बुद्धिमान् पुरोहित । राज्य में जब कभी दैवी उत्पात होते थे तब उनका प्रतिकार यही करता था । यह भरतेश के सजीव रत्नों में सातवां रत्न था । <span class="GRef"> महापुराण 37. 83-84, 175 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतेश का बुद्धिमान् पुरोहित । राज्य में जब कभी दैवी उत्पात होते थे तब उनका प्रतिकार यही करता था । यह भरतेश के सजीव रत्नों में सातवां रत्न था । <span class="GRef"> महापुराण 37. 83-84, 175 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर के राजा महापद्म का मंत्री । <span class="GRef"> महापुराण 76.130-132 </span></p> | <p id="2">(2) पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर के राजा महापद्म का मंत्री । <span class="GRef"> महापुराण 76.130-132 </span></p> | ||
<p id="3">(3) पोदनपुर के राजा श्रीविजय का मंत्री । <span class="GRef"> पांडवपुराण 4. 96-98, 116 </span></p> | <p id="3">(3) पोदनपुर के राजा श्रीविजय का मंत्री । <span class="GRef"> पांडवपुराण 4. 96-98, 116 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
(1) भरतेश का बुद्धिमान् पुरोहित । राज्य में जब कभी दैवी उत्पात होते थे तब उनका प्रतिकार यही करता था । यह भरतेश के सजीव रत्नों में सातवां रत्न था । महापुराण 37. 83-84, 175
(2) पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर के राजा महापद्म का मंत्री । महापुराण 76.130-132
(3) पोदनपुर के राजा श्रीविजय का मंत्री । पांडवपुराण 4. 96-98, 116