भावि शलाका पुरुष निर्देश: Difference between revisions
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1. | 1. तिलोयपण्णत्ति/4/1587-1588 </p> | ||
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नोट― त्रिलोकसार व हरिवंशपुराण में नामों के क्रम में अन्तर है। हरिवंशपुराण में 5वाँ वरचन्द्र नाम नहीं दिया है। अन्त में बालचन्द्र नाम देकर कमी पूरी कर दी है।</p> | |||
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<strong>नोट</strong> | <strong>नोट</strong>― हरिवंशपुराण में इसके क्रम में कुछ अन्तर है।</p> | ||
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Revision as of 19:13, 17 July 2020
भावि शलाका पुरुष निर्देश
1. कुलकर चक्रवर्ती व बलदेव
क्रम |
1. कुलकर |
2. चक्रवर्ती |
3. बलदेव |
||||
1. तिलोयपण्णत्ति/4/1570-1571 2. हरिवंशपुराण/60/555-557 3. महापुराण/76/463-466 |
1. तिलोयपण्णत्ति/4/1587-1588 2. त्रिलोकसार/877-878 3. हरिवंशपुराण/60/563-565 4. महापुराण/76/482-484 |
1. तिलोयपण्णत्ति/4/1589-1590 2. त्रिलोकसार/878-879 3. हरिवंशपुराण/60/568-569 4. महापुराण/76/485-486 |
|||||
सामान्य |
प्रमाण सं. |
विशेष |
सामान्य |
प्रमाण सं. |
विशेष |
||
1 |
कनक |
|
|
भरत |
चन्द्र |
|
|
2 |
कनकप्रभ |
|
|
दीर्घदन्त |
महाचन्द्र |
|
|
3 |
कनकराज |
|
|
मुक्तदन्त(3 जन्मदत्त) |
चन्द्रधर |
4 |
चक्रधर |
4 |
कनकध्वज |
|
|
गूढदन्त |
वरचन्द्र |
2,3,4 |
हरिचन्द्र |
5 |
कनकपुंख |
2,3 |
कनकपंगव |
श्रीषेण |
सिंहचन्द्र |
|
× |
6 |
नलिन |
|
|
श्रीभूति |
हरिचन्द्र |
2,4 |
वरचन्द्र |
7 |
नलिनप्रभ |
|
|
श्रीकान्त |
श्रीचन्द्र |
2,4 |
पूर्णचन्द्र |
8 |
नलिनराज |
|
|
पद्म |
पूर्णचन्द्र |
2 |
शुभचन्द्व |
9 |
नलिनध्वज |
|
|
महापद्म |
सुचन्द्र |
2,4 |
श्रीचन्द्र |
10 |
नलिनपुंख |
2,3 |
नलिनपंगव |
चित्रवाहन |
|
3 |
बालचन्द्र |
11 |
|
3 |
पद्म |
विमलवाहन (4 विचित्रवाहन) |
|
|
|
12 |
पद्मप्रभ |
|
|
|
|
|
|
13 |
पद्मराज |
|
|
अरिष्टसेन |
|
|
|
14 |
पद्मध्वज |
|
|
नोट― त्रिलोकसार व हरिवंशपुराण में नामों के क्रम में अन्तर है। हरिवंशपुराण में 5वाँ वरचन्द्र नाम नहीं दिया है। अन्त में बालचन्द्र नाम देकर कमी पूरी कर दी है। |
|||
15 |
पद्मपुंख |
2,3 |
पद्मपुंगव |
||||
16 |
|
3 |
महापद्म |
2. नारायणादि परिचय
क्रम |
नारायण |
प्रतिनारायण |
रुद्र |
||
1. तिलोयपण्णत्ति/4/1590-1591 2. त्रिलोकसार/879-880 3. हरिवंशपुराण/60/566-567 4. महापुराण/76/487-488 |
1. तिलोयपण्णत्ति/4/1592 2. त्रिलोकसार/880 3. हरिवंशपुराण/60/569-570
|
हरिवंशपुराण/60/571-572 े |
|||
सामान्य |
प्रमाण सं. |
विशेष |
|||
1 |
नन्दी |
|
|
श्रीकण्ठ |
प्रमद |
2 |
नन्दिमित्र |
|
|
हरिकण्ठ |
संमद |
3 |
नन्दिषेण |
3 |
नन्दिन |
नीलकण्ठ |
हर्ष |
4 |
नन्दिभूति |
3 |
नन्दि भूतिक |
अश्वकण्ठ |
प्रकाम |
5 |
बल |
2 |
अचल |
सुकण्ठ |
कामद |
6 |
महाबल |
|
|
शिखिकण्ठ |
भव |
7 |
अतिबल |
|
|
अश्वग्रीव |
हर |
8 |
त्रिपृष्ठ |
|
|
हयग्रीव |
मनोभव |
9 |
द्विपृष्ठ |
|
|
मयूरग्रीव |
मार |
|
नोट― हरिवंशपुराण में इसके क्रम में कुछ अन्तर है। |
|
काम |
||
|
|
अङ्गज |