एकेंद्रिय भेद: Difference between revisions
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एकेंद्रिय जीवोंके ४२ भेद हैं-पृथ्वी, जल, तेज, वायु, नित्य निगोद, साधारण वनस्पति, इतर निगोद, सा. व.। इन छः के सूक्ष्म व बादरकी अपेक्षा १२ भेद हुए। प्रत्येक वनस्पति सप्रतिष्ठित और अप्रतिष्ठित भेदसे दो प्रकार। ऐसे १४ प्रकार हर एक पर्याप्त, निर्वृत्यपर्याप्त व लब्ध्य पर्याप्त इस तरह ४२ भेद हुए।<br>(जै.सि.प्र. ५४-५७) - दे.बृ.जै.शब्दा.द्वि. खंड।<br>[[Category:ए]] | एकेंद्रिय जीवोंके ४२ भेद हैं-पृथ्वी, जल, तेज, वायु, नित्य निगोद, साधारण वनस्पति, इतर निगोद, सा. व.। इन छः के सूक्ष्म व बादरकी अपेक्षा १२ भेद हुए। प्रत्येक वनस्पति सप्रतिष्ठित और अप्रतिष्ठित भेदसे दो प्रकार। ऐसे १४ प्रकार हर एक पर्याप्त, निर्वृत्यपर्याप्त व लब्ध्य पर्याप्त इस तरह ४२ भेद हुए।<br> | ||
(जै.सि.प्र. ५४-५७) - दे.बृ.जै.शब्दा.द्वि. खंड।<br> | |||
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एकेंद्रिय जीवोंके ४२ भेद हैं-पृथ्वी, जल, तेज, वायु, नित्य निगोद, साधारण वनस्पति, इतर निगोद, सा. व.। इन छः के सूक्ष्म व बादरकी अपेक्षा १२ भेद हुए। प्रत्येक वनस्पति सप्रतिष्ठित और अप्रतिष्ठित भेदसे दो प्रकार। ऐसे १४ प्रकार हर एक पर्याप्त, निर्वृत्यपर्याप्त व लब्ध्य पर्याप्त इस तरह ४२ भेद हुए।
(जै.सि.प्र. ५४-५७) - दे.बृ.जै.शब्दा.द्वि. खंड।