यशोविजय: Difference between revisions
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श्वेतांबर तथा गच्छ के प्रसिद्ध उपाध्याय हुए हैं। गुरु परंपरा−बादशाह अकबर के प्रतिबोधक हरिविजय, कल्याणविजय, लाभविजय, यशोविजय। आपने दिगंबर मान्य निश्चय नय की घोर भर्त्सना की है, परंतु अपनी रचनाओं में समयसार का खूब अनुसरण किया है। कृतियाँ−अध्यात्मसार, अध्यात्योपनिषद, आध्यात्मिक मत खंडन, नय रहस्य, नय प्रदीप, नयोपदेश, जैन तर्क परिभाषा, ज्ञान बिंदु, शास्त्रवार्ता समुच्चय टीका, देवधर्म परीक्षा, यतिलक्षण समुच्चय, गुरुतत्त्व विनिश्चय, अष्टसहस्री विवरण, स्याद्वाद मंजरी की वृत्ति स्याद्वाद् मंजूषा, जय विलास (भाषापद संग्रह), दिग्पट चौरासी (दिगंबरांनाय की मान्यताओं पर आक्षेप) इत्यादि अनेकों ग्रंथ आपने रचे हैं। समय–ई. 1638-1688। (जै./2/204-205)। | |||
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Revision as of 16:33, 19 August 2020
श्वेतांबर तथा गच्छ के प्रसिद्ध उपाध्याय हुए हैं। गुरु परंपरा−बादशाह अकबर के प्रतिबोधक हरिविजय, कल्याणविजय, लाभविजय, यशोविजय। आपने दिगंबर मान्य निश्चय नय की घोर भर्त्सना की है, परंतु अपनी रचनाओं में समयसार का खूब अनुसरण किया है। कृतियाँ−अध्यात्मसार, अध्यात्योपनिषद, आध्यात्मिक मत खंडन, नय रहस्य, नय प्रदीप, नयोपदेश, जैन तर्क परिभाषा, ज्ञान बिंदु, शास्त्रवार्ता समुच्चय टीका, देवधर्म परीक्षा, यतिलक्षण समुच्चय, गुरुतत्त्व विनिश्चय, अष्टसहस्री विवरण, स्याद्वाद मंजरी की वृत्ति स्याद्वाद् मंजूषा, जय विलास (भाषापद संग्रह), दिग्पट चौरासी (दिगंबरांनाय की मान्यताओं पर आक्षेप) इत्यादि अनेकों ग्रंथ आपने रचे हैं। समय–ई. 1638-1688। (जै./2/204-205)।