रतिषेणा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1">(1) एक कबूतरी । यह रतिवर कबूतर की पत्नी थी । यह पूर्वभव में जयकुमार की पत्नी सुलोचना थी । <span class="GRef"> महापुराण 46. 29-30 </span>देखें [[ रतिवर और सुलोचना ]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) एक कबूतरी । यह रतिवर कबूतर की पत्नी थी । यह पूर्वभव में जयकुमार की पत्नी सुलोचना थी । <span class="GRef"> महापुराण 46. 29-30 </span>देखें [[ रतिवर और सुलोचना ]]</p> | ||
<p id="2">(2) एक देवी । यह रति देवी के साथ राजा मेघरथ की रानी प्रियमित्रा का रूप देखने उसके निकट गयी थी तथा उसका रूप देखकर विरक्त होती हुई स्वर्ग लौट गयी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.288-295, </span>देखें [[ रति#3 | रति - 3]]</p> | <p id="2">(2) एक देवी । यह रति देवी के साथ राजा मेघरथ की रानी प्रियमित्रा का रूप देखने उसके निकट गयी थी तथा उसका रूप देखकर विरक्त होती हुई स्वर्ग लौट गयी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.288-295, </span>देखें [[ रति#3 | रति - 3]]</p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:56, 14 November 2020
(1) एक कबूतरी । यह रतिवर कबूतर की पत्नी थी । यह पूर्वभव में जयकुमार की पत्नी सुलोचना थी । महापुराण 46. 29-30 देखें रतिवर और सुलोचना
(2) एक देवी । यह रति देवी के साथ राजा मेघरथ की रानी प्रियमित्रा का रूप देखने उसके निकट गयी थी तथा उसका रूप देखकर विरक्त होती हुई स्वर्ग लौट गयी थी । महापुराण 63.288-295, देखें रति - 3