रम्यकक्षेत्र: Difference between revisions
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राजवार्तिक/3/10/14/181/11 <span class="SanskritText"> यस्माद्रमणीयैर्देशैः सरित्पर्वतकाननादिभिर्युक्तः, तस्मादसौ रम्यक इत्यभिधीयते । अन्यत्रापि रम्यकदेश-योगः समान इति चेत्; न; रूढिविशेषबललाभाद् । </span>=<span class="HindiText"> रमणीय देश, नदी, पर्वतादि से युक्त होने के कारण इसे रम्य कहते हैं । यद्यपि अन्यत्र भी रमणीक क्षेत्र आदि हैं, परन्तु ‘रम्यक’ नाम इसमें रूढ ही है । </span> | |||
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Revision as of 19:14, 17 July 2020
राजवार्तिक/3/10/14/181/11 यस्माद्रमणीयैर्देशैः सरित्पर्वतकाननादिभिर्युक्तः, तस्मादसौ रम्यक इत्यभिधीयते । अन्यत्रापि रम्यकदेश-योगः समान इति चेत्; न; रूढिविशेषबललाभाद् । = रमणीय देश, नदी, पर्वतादि से युक्त होने के कारण इसे रम्य कहते हैं । यद्यपि अन्यत्र भी रमणीक क्षेत्र आदि हैं, परन्तु ‘रम्यक’ नाम इसमें रूढ ही है ।
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