रश्मिदेव: Difference between revisions
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महापुराण/59/ श्लोक ‘‘पुष्करपुर नगर का राजा सूर्यावर्त का पुत्र था । (230 - 231)। किसी समय सिद्धकूट पर दीक्षा ग्रहण कर आकाशचारण ॠद्धि प्राप्त की । (233-234)। एक समय पूर्व वैरी अजगर के खाने से शरीर त्यागकर स्वर्ग में देव हुआ । (237-238)। यह संजयन्त मुनि का पूर्व का चौथा भव है ।−देखें [[ संजयन्त ]]। | |||
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Revision as of 19:14, 17 July 2020
महापुराण/59/ श्लोक ‘‘पुष्करपुर नगर का राजा सूर्यावर्त का पुत्र था । (230 - 231)। किसी समय सिद्धकूट पर दीक्षा ग्रहण कर आकाशचारण ॠद्धि प्राप्त की । (233-234)। एक समय पूर्व वैरी अजगर के खाने से शरीर त्यागकर स्वर्ग में देव हुआ । (237-238)। यह संजयन्त मुनि का पूर्व का चौथा भव है ।−देखें संजयन्त ।