वज्रक्षंठ: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में अलका नगरी के राजा मयूरग्रीव आर रानी नीलांजना का | <p id="1"> (1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में अलका नगरी के राजा मयूरग्रीव आर रानी नीलांजना का पाँचवाँ पुत्र । इसके चार बड़े भाई थे― अश्वग्रीव, नीलरथ, नीलकण्ठ और सुकण्ठ । <span class="GRef"> महापुराण 62. 58-59 </span></p> | ||
<p id="2">(2) किष्कुपुर का राजा । यह वानरवंशी राजा श्रीकण्ठ का पुत्र था । चारुणी इसकी रानी थी । इसने वृद्धजनों से अपने पिता के पूर्वभव सुनकर पुत्र वज्रप्रभ के लिए राज्य सौंपकर जिन दीक्षा धारण कर ली थी और इसके पश्चात् वज्रप्रभ भो पुत्र इन्द्रमत् को राज्य सौंपकर मुनि हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.150-160 </span></p> | <p id="2">(2) किष्कुपुर का राजा । यह वानरवंशी राजा श्रीकण्ठ का पुत्र था । चारुणी इसकी रानी थी । इसने वृद्धजनों से अपने पिता के पूर्वभव सुनकर पुत्र वज्रप्रभ के लिए राज्य सौंपकर जिन दीक्षा धारण कर ली थी और इसके पश्चात् वज्रप्रभ भो पुत्र इन्द्रमत् को राज्य सौंपकर मुनि हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.150-160 </span></p> | ||
Revision as of 14:28, 20 July 2020
(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में अलका नगरी के राजा मयूरग्रीव आर रानी नीलांजना का पाँचवाँ पुत्र । इसके चार बड़े भाई थे― अश्वग्रीव, नीलरथ, नीलकण्ठ और सुकण्ठ । महापुराण 62. 58-59
(2) किष्कुपुर का राजा । यह वानरवंशी राजा श्रीकण्ठ का पुत्र था । चारुणी इसकी रानी थी । इसने वृद्धजनों से अपने पिता के पूर्वभव सुनकर पुत्र वज्रप्रभ के लिए राज्य सौंपकर जिन दीक्षा धारण कर ली थी और इसके पश्चात् वज्रप्रभ भो पुत्र इन्द्रमत् को राज्य सौंपकर मुनि हो गया था । पद्मपुराण 6.150-160