विभूषांग: Difference between revisions
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<p> कल्पवृक्ष । ये तीसरे काल में पल्य का आठवां भाग समय शेष रह जाने तक सामर्थ्यवान् रहते हैं । तब तक इनसे विभिन्न प्रकार के आभूषण और प्रसाधन सामग्री प्राप्त होती रहती है । <span class="GRef"> महापुराण 3. 39, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> कल्पवृक्ष । ये तीसरे काल में पल्य का आठवां भाग समय शेष रह जाने तक सामर्थ्यवान् रहते हैं । तब तक इनसे विभिन्न प्रकार के आभूषण और प्रसाधन सामग्री प्राप्त होती रहती है । <span class="GRef"> महापुराण 3. 39, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
कल्पवृक्ष । ये तीसरे काल में पल्य का आठवां भाग समय शेष रह जाने तक सामर्थ्यवान् रहते हैं । तब तक इनसे विभिन्न प्रकार के आभूषण और प्रसाधन सामग्री प्राप्त होती रहती है । महापुराण 3. 39, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92