विशाखभूति: Difference between revisions
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महापुराण/57/ श्लो.–राजगृह नगर के राजा विश्वभूति का छोटा भाई था।73। पिता के दीक्षा लेने के अनन्तर इसने भी अपने ताऊ के पुत्र विश्वनन्दी के साथ दीक्षा ले ली।78। महा शुक्र स्वर्ग में देव उत्पन्न हुआ।82। | |||
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Revision as of 19:15, 17 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
महापुराण/57/ श्लो.–राजगृह नगर के राजा विश्वभूति का छोटा भाई था।73। पिता के दीक्षा लेने के अनन्तर इसने भी अपने ताऊ के पुत्र विश्वनन्दी के साथ दीक्षा ले ली।78। महा शुक्र स्वर्ग में देव उत्पन्न हुआ।82।
पुराणकोष से
मगध देश में राजगृह नगर के राजा विश्वभूति का छोटा भाई । इसकी पत्नी लक्ष्मणा और पुत्र विशाखनन्दी था । विश्वनन्दी इसके भाई का पुत्र था । इसने छलपूर्वक विश्वनन्दी का उद्यान अपने पुत्र विशाखनन्दी को दिया था । अन्त में अपने कुकृत्य पर पश्चात्ताप करते हुए इसने दीक्षा ले ली और घोर तप करके संन्यासपूर्वक मरण किया । मरकर यह महाशुक्र स्वर्ग में महर्द्धिक देव हुआ । स्वर्ग से चयकर यह पोदनपुर नगर में राजा प्रजापति और रानी जयामती का विजय नामक पुत्र (प्रथम बलभद्र) हुआ । महापुराण 57.73, 78, 82, 86, वीरवर्द्धमान चरित्र 3. 6-9, 19-26, 42-45, 61-62