विष्णुदत्त: Difference between revisions
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बृ.कथा कोष/कथा 3/पृ.एक दरिद्र | बृ.कथा कोष/कथा 3/पृ.एक दरिद्र अंधा था।5। वृक्ष से सर टकराने के कारण आँखें खुल गयीं।5। दूसरे अंधों ने भी उसकी नकल की पर सब मर गये।9। | ||
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Revision as of 16:36, 19 August 2020
बृ.कथा कोष/कथा 3/पृ.एक दरिद्र अंधा था।5। वृक्ष से सर टकराने के कारण आँखें खुल गयीं।5। दूसरे अंधों ने भी उसकी नकल की पर सब मर गये।9।