विष्णुवर्धन: Difference between revisions
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कर्णाटक देश के पोप्सल नरेश थे। गंगराज इनके | कर्णाटक देश के पोप्सल नरेश थे। गंगराज इनके मंत्री थे, जिसने अपने गुरु शुभचंद्र की निषद्य का श.सं.1045 में बनवायी थी। यह पहले जैन थे जिन्होंने श.सं.1039 (ई.1117) में वैष्णव धर्म स्वीकार करके हलेवेड़ अर्थात् दो2 समुद्र में अनेक जिनमंदिर का ध्वंस किया था। उसके उत्तराधिकारी नारसिंह और तत्पश्चात् वीर बल्लालदेव हुए जिन्होनें जैनियों के क्षोभ को नीति पूर्वक शांत किया। समय–अनुमानतः श.सं.1025-1050 (ई.1103-1128); (ध.प्र.11/ H.L.Jain)। | ||
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Revision as of 16:36, 19 August 2020
कर्णाटक देश के पोप्सल नरेश थे। गंगराज इनके मंत्री थे, जिसने अपने गुरु शुभचंद्र की निषद्य का श.सं.1045 में बनवायी थी। यह पहले जैन थे जिन्होंने श.सं.1039 (ई.1117) में वैष्णव धर्म स्वीकार करके हलेवेड़ अर्थात् दो2 समुद्र में अनेक जिनमंदिर का ध्वंस किया था। उसके उत्तराधिकारी नारसिंह और तत्पश्चात् वीर बल्लालदेव हुए जिन्होनें जैनियों के क्षोभ को नीति पूर्वक शांत किया। समय–अनुमानतः श.सं.1025-1050 (ई.1103-1128); (ध.प्र.11/ H.L.Jain)।