व्ययहारपल्योपगम: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> व्यवहारपल्य गर्त में भरे गये अविभाज्य भेंड़ के बालों में से सौ-सौ वर्ष में एक-एक बाल को निकालते हुए उन समस्त बालों को निकालने में जितना समय लगे वह व्यवहार पल्योपगम काल कहलाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7. 47-49, </span>देखें [[ व्यवहारपल्य ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> व्यवहारपल्य गर्त में भरे गये अविभाज्य भेंड़ के बालों में से सौ-सौ वर्ष में एक-एक बाल को निकालते हुए उन समस्त बालों को निकालने में जितना समय लगे वह व्यवहार पल्योपगम काल कहलाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7. 47-49, </span>देखें [[ व्यवहारपल्य ]]</p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:58, 14 November 2020
व्यवहारपल्य गर्त में भरे गये अविभाज्य भेंड़ के बालों में से सौ-सौ वर्ष में एक-एक बाल को निकालते हुए उन समस्त बालों को निकालने में जितना समय लगे वह व्यवहार पल्योपगम काल कहलाता है । हरिवंशपुराण 7. 47-49, देखें व्यवहारपल्य