शिकार: Difference between revisions
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देखें [[ आखेट ]]। | <p class="SanskritText"><span class="GRef">लांटी संहिता अधिकार 2/139</span> अंतर्भावोऽस्ति तस्यापि गुणव्रतसंज्ञिके। अनर्थदंडत्यागाख्ये बाह्यानर्थ क्रियादिवत् ॥139॥</p> | ||
<p class="HindiText">= शिकार खेलना बाह्य अनर्थ क्रियाओं के समान है, इसलिए उसका त्याग अनर्थदंड त्याग नाम के गुणव्रत में अंतर्भूत हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए देखें [[ आखेट ]]।</p> | |||
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Revision as of 20:41, 22 December 2022
लांटी संहिता अधिकार 2/139 अंतर्भावोऽस्ति तस्यापि गुणव्रतसंज्ञिके। अनर्थदंडत्यागाख्ये बाह्यानर्थ क्रियादिवत् ॥139॥
= शिकार खेलना बाह्य अनर्थ क्रियाओं के समान है, इसलिए उसका त्याग अनर्थदंड त्याग नाम के गुणव्रत में अंतर्भूत हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए देखें आखेट ।