अंगुल: Difference between revisions
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<p> आठ जौ प्रमित एक माप । यह शारीरिक अंगों और छोटी वस्तुओं की माप लेने में प्रयुक्त होता है । अपने-अपने समय में मनुष्यों का अंगुल स्वांगुल माना गया है । छ: अंगुल का एक पाद और दो पादों की एफ वितस्ति तथा दो वितस्तियों का एक हाथ होता है । महापुराण 10.94, हरिवंशपुराण 7.40-41, 44-45</p> | |||
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Revision as of 13:41, 5 May 2020
== सिद्धांतकोष से ==
क्षेत्र प्रमाण का एक भेद - देखे गणित I/१/३।
पुराणकोष से
आठ जौ प्रमित एक माप । यह शारीरिक अंगों और छोटी वस्तुओं की माप लेने में प्रयुक्त होता है । अपने-अपने समय में मनुष्यों का अंगुल स्वांगुल माना गया है । छ: अंगुल का एक पाद और दो पादों की एफ वितस्ति तथा दो वितस्तियों का एक हाथ होता है । महापुराण 10.94, हरिवंशपुराण 7.40-41, 44-45