समयसार नाटक: Difference between revisions
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<span class="HindiText">पं.बनारसीदास (ई.1636) की अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है। इसमें 15 अधिकार और 616 पद हैं। यह | <span class="HindiText">पं.बनारसीदास (ई.1636) की अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है। इसमें 15 अधिकार और 616 पद हैं। यह ग्रंथ समयसार की आत्मख्याति टीका के कलशों के आधार पर लिखा गया है। इस पर पं.सदासुखदास (ई.1795-1867) ने एक टीका भी लिखी है। (ती./4/252)।</span> | ||
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Revision as of 16:38, 19 August 2020
पं.बनारसीदास (ई.1636) की अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है। इसमें 15 अधिकार और 616 पद हैं। यह ग्रंथ समयसार की आत्मख्याति टीका के कलशों के आधार पर लिखा गया है। इस पर पं.सदासुखदास (ई.1795-1867) ने एक टीका भी लिखी है। (ती./4/252)।