समानाधिकरण: Difference between revisions
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Revision as of 16:38, 19 August 2020
1. ...भिन्नप्रवृत्तिनिमित्तानां शब्दानामेकस्मिन्नर्थे वृत्ति: सामान्याधिकरण्यम् यथा तत् त्वमसि =
भिन्नप्रवृत्ति में जो निमित्त है ऐसे विभिन्न शब्दों की एक ही अर्थ में वृत्ति होना सामान्याधिकरण्य है। जैसे 'तत् त्वमसि' इस पद में 'तत्' का अर्थ अशरीरी ब्रह्म और 'त्वम' का अर्थ शरीरी ब्रह्मयाजीवात्मा। ये दोनों एक है, ऐसा इस पद का अर्थ है। 2. लक्ष्य लक्षण में सामानाधिकरण्य। - देखें लक्षण ।