सुतारा: Difference between revisions
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Revision as of 19:16, 17 July 2020
== सिद्धांतकोष से == सुग्रीव की पत्नी थी। साहसगति नामक विद्याधर उसको चाहता था। ( पद्मपुराण/10/5-11 )
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित रथनूपुर-चक्रवाल नगरी के राजा विद्याधर ज्वलनजटी के पुत्र अर्ककीर्ति और उसकी पत्नी ज्योतिमाला की पुत्री और अमिततेज की बहिन । इसने पोदनपुर के राजा त्रिपृष्ठ नारायण के पुत्र विजय का स्वयंवर विधि से वरण किया था । चमरचंचपुर के राजा इन्द्राशनि के पुत्र अशनिघोष विद्याधर ने मुग्ध होकर माया से इसके पति का रूप धारण कर इसका हरण किया था इसके पति श्रीविजय ने अशनिघोष से युद्ध किया । युद्ध से विरत होकर अशनिघोष ने विजय तीर्थंकर के समवसरण में जाकर अपने प्राण बचाये । यहाँ दोनों का वैर शान्त हो गया था । महापुराण 62.25, 30, 151-163, 227-233, 278-283, पांडवपुराण 4.85-91, 184-191
(2) ज्योति-पुर नगर के राजा हुताशनशिख और ही रानी की पुत्री । साहसगति विद्याधर इस पर मुग्ध था, किन्तु इसे अल्पायु बताये जाने से इसका विवाह साहसगति से न किया जाकर सुग्रीव से किया गया था । पद्मपुराण 10. 2-10 देखें सुग्रीव - 3