सूक्ष्म ऋजुसूत्र नय: Difference between revisions
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<span class="GRef">आलापपद्धति/5</span> <span class="SanskritText">सूक्ष्मर्जुसूत्रो यथा‒एकसमयावस्थायी पर्याय: स्थूलर्जसूत्रो यथा‒मनुष्यादिपर्यायास्तदायु: प्रमाणकालं तिष्ठंति।</span>=<span class="HindiText">'''सूक्ष्म ऋजुसूत्रनय''' एकसमय अवस्थायी पर्याय को विषय करता है। और स्थूल ऋजुसूत्र की अपेक्षा मनुष्यादि पर्यायें स्व स्व आयुप्रमाणकाल पर्यंत ठहरती हैं। <span class="GRef">(नयचक्र बृहद्/211-212)</span> <span class="GRef">(नयचक्र / श्रुतभवन दीपक/ पृष्ठ 16)</span></span><br /> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ नय#III.5.2 | नय - III.5.2]]।</p> | |||
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आलापपद्धति/5 सूक्ष्मर्जुसूत्रो यथा‒एकसमयावस्थायी पर्याय: स्थूलर्जसूत्रो यथा‒मनुष्यादिपर्यायास्तदायु: प्रमाणकालं तिष्ठंति।=सूक्ष्म ऋजुसूत्रनय एकसमय अवस्थायी पर्याय को विषय करता है। और स्थूल ऋजुसूत्र की अपेक्षा मनुष्यादि पर्यायें स्व स्व आयुप्रमाणकाल पर्यंत ठहरती हैं। (नयचक्र बृहद्/211-212) (नयचक्र / श्रुतभवन दीपक/ पृष्ठ 16)
अधिक जानकारी के लिये देखें नय - III.5.2।