अभिधाननिबंधननाम: Difference between revisions
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धवला पुस्तक 15/2/5 जो णामसद्दो पवुत्तो संतो अप्पाणं चेव जाणावेदि तमभिहाणणिबंधणं णाम। = जो संज्ञा शब्द प्रवृत्त होकर अपने आपको जतलाता है, वह अभिधान निबन्धन (नाम) कहा जाता है। | |||
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Revision as of 14:16, 20 July 2020
धवला पुस्तक 15/2/5 जो णामसद्दो पवुत्तो संतो अप्पाणं चेव जाणावेदि तमभिहाणणिबंधणं णाम। = जो संज्ञा शब्द प्रवृत्त होकर अपने आपको जतलाता है, वह अभिधान निबन्धन (नाम) कहा जाता है।