अक्षरावलि: Difference between revisions
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<p> अक्षरमाला । स्वर और व्यञ्जन के भेद से इसके दो भेद होते हैं । संयुक्त अक्षर और बीजाक्षर इसी से निर्मित होते हैं । अकार से हकार पर्यन्त वर्ण, विसर्ग, अनुस्वार, जिह्वामूलीय और उपघ्मानीय वे सभी इसमें होते हैं <span class="GRef"> महापुराण 16.104-108 </span>देखें [[ अक्षरविद्या ]]</p> | <p> अक्षरमाला । स्वर और व्यञ्जन के भेद से इसके दो भेद होते हैं । संयुक्त अक्षर और बीजाक्षर इसी से निर्मित होते हैं । अकार से हकार पर्यन्त वर्ण, विसर्ग, अनुस्वार, जिह्वामूलीय और उपघ्मानीय वे सभी इसमें होते हैं <span class="GRef"> | महापुराण 16.104-108 </span> | देखें [[ अक्षरविद्या ]]</p> | ||
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अक्षरमाला । स्वर और व्यञ्जन के भेद से इसके दो भेद होते हैं । संयुक्त अक्षर और बीजाक्षर इसी से निर्मित होते हैं । अकार से हकार पर्यन्त वर्ण, विसर्ग, अनुस्वार, जिह्वामूलीय और उपघ्मानीय वे सभी इसमें होते हैं | महापुराण 16.104-108 | देखें अक्षरविद्या