कार्तिकेय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> भगवान् वीर के तीर्थ में अनुत्तरोपपादक हुए–देखें [[ अनुत्तरोपपादक ]]; </li> | <li> भगवान् वीर के तीर्थ में अनुत्तरोपपादक हुए–देखें [[ अनुत्तरोपपादक ]]; </li> | ||
<li> राजा क्रौंच के उपसर्ग द्वारा स्वर्ग सिधारे थे। समय—अनुमानत: ई॰ श॰ 1का | <li> राजा क्रौंच के उपसर्ग द्वारा स्वर्ग सिधारे थे। समय—अनुमानत: ई॰ श॰ 1का प्रारंभ। ( कार्तिकेयानुप्रेक्षा/ प्र. 66।A. N. up.)। </li> | ||
<li> कार्तिकेयानुप्रेक्षा के कर्ता स्वामीकुमार का दूसरा नाम था। देखें [[ कुमार स्वामी ]]। </li> | <li> कार्तिकेयानुप्रेक्षा के कर्ता स्वामीकुमार का दूसरा नाम था। देखें [[ कुमार स्वामी ]]। </li> | ||
</ol> | </ol> |
Revision as of 16:21, 19 August 2020
- भगवान् वीर के तीर्थ में अनुत्तरोपपादक हुए–देखें अनुत्तरोपपादक ;
- राजा क्रौंच के उपसर्ग द्वारा स्वर्ग सिधारे थे। समय—अनुमानत: ई॰ श॰ 1का प्रारंभ। ( कार्तिकेयानुप्रेक्षा/ प्र. 66।A. N. up.)।
- कार्तिकेयानुप्रेक्षा के कर्ता स्वामीकुमार का दूसरा नाम था। देखें कुमार स्वामी ।