अनुकृति: Difference between revisions
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[[धवला]] पुस्तक संख्या ११/४, २, ६, २४६/३४१/१२ अणुकट्ठी णाम ट्ठिदिं ज्झवसाणट्ठणाण समाणत्तमसमाणत्तं च परूवेदि। < | <p class="SanskritPrakritSentence">[[धवला]] पुस्तक संख्या ११/४, २, ६, २४६/३४१/१२ अणुकट्ठी णाम ट्ठिदिं ज्झवसाणट्ठणाण समाणत्तमसमाणत्तं च परूवेदि। </p> | ||
<p class="HindiSentence">= अणुकृति अनुयोगद्वार प्रत्येक स्थिति के स्थितिबन्धाध्यवसायस्थानों की समानता व असमानता को बतलाता है। </p> | <p class="HindiSentence">= अणुकृति अनुयोगद्वार प्रत्येक स्थिति के स्थितिबन्धाध्यवसायस्थानों की समानता व असमानता को बतलाता है। </p> | ||
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Revision as of 14:27, 24 May 2009
धवला पुस्तक संख्या ११/४, २, ६, २४६/३४१/१२ अणुकट्ठी णाम ट्ठिदिं ज्झवसाणट्ठणाण समाणत्तमसमाणत्तं च परूवेदि।
= अणुकृति अनुयोगद्वार प्रत्येक स्थिति के स्थितिबन्धाध्यवसायस्थानों की समानता व असमानता को बतलाता है।