अंक: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) नौ अनुदिश विमानों में आठवा विमान । हरिवंशपुराण 6. 64. [[ अनुदिश#1 | देखें अनुदिश - 1]]</p> | |||
<p id="2"> (2) रुचकवर द्वीप के रुचकवर पर्वत का उत्तरदिशावर्ती दूसरा कूट । यहाँ मिश्रकेशी देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.715 [[ रुचकवर | देखें रुचकवर ]]― 2 </p> | |||
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Revision as of 13:41, 5 May 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- (धवला पुस्तक संख्या ५/प्र. २७) Number।
- सौधर्म स्वर्ग का १७वाँ पटल व इन्द्रक - देखे स्वर्ग ५/३।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखे लोक ५/१३।
- मानुषोत्तर व कुण्डल पर्वतस्थ कूट - देखे लोक ५/१०, १२।
पुराणकोष से
(1) नौ अनुदिश विमानों में आठवा विमान । हरिवंशपुराण 6. 64. देखें अनुदिश - 1
(2) रुचकवर द्वीप के रुचकवर पर्वत का उत्तरदिशावर्ती दूसरा कूट । यहाँ मिश्रकेशी देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.715 देखें रुचकवर ― 2