रूपचंद पांडेय: Difference between revisions
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<li> कवि बनारसी दास के गुरु थे। अध्ययन के लिए सलेमपुर से बनारस आये थे। कृति - परमार्थ दोहा शतक; गीतपरमार्थी, मंगलगीत | <li> कवि बनारसी दास के गुरु थे। अध्ययन के लिए सलेमपुर से बनारस आये थे। कृति - परमार्थ दोहा शतक; गीतपरमार्थी, मंगलगीत प्रबंध। समय−वि. 1693 में आगरा आये। (ती./4/255)। </li> | ||
<li> पं. बनारसी दास जी कृत समयसार नाटक के विशद टीकाकार थे। समय−वि. 1798 (हिं जैन साहित्य इतिहास ई./180 कामता)। </li> | <li> पं. बनारसी दास जी कृत समयसार नाटक के विशद टीकाकार थे। समय−वि. 1798 (हिं जैन साहित्य इतिहास ई./180 कामता)। </li> | ||
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Revision as of 16:33, 19 August 2020
- कवि बनारसी दास के गुरु थे। अध्ययन के लिए सलेमपुर से बनारस आये थे। कृति - परमार्थ दोहा शतक; गीतपरमार्थी, मंगलगीत प्रबंध। समय−वि. 1693 में आगरा आये। (ती./4/255)।
- पं. बनारसी दास जी कृत समयसार नाटक के विशद टीकाकार थे। समय−वि. 1798 (हिं जैन साहित्य इतिहास ई./180 कामता)।