अन्वर्थ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[पंचास्तिकाय संग्रह]] / [[तात्पर्यवृत्ति]] / गाथा संख्या १/७/९ अन्वर्थनाम कि यादृश नाम तादृशोऽर्थः यथा तपतीति तपन आदित्य इत्यर्थः।< | <p class="SanskritPrakritSentence">[[पंचास्तिकाय संग्रह]] / [[तात्पर्यवृत्ति]] / गाथा संख्या १/७/९ अन्वर्थनाम कि यादृश नाम तादृशोऽर्थः यथा तपतीति तपन आदित्य इत्यर्थः।</p> | ||
<p class="HindiSentence">= जैसा नाम हो वैसा ही पदार्थ हो उसे अन्वर्थ नाम कहते हैं-जैसे जो तपता है सो तपन अर्थात् सूर्य है।</p> | <p class="HindiSentence">= जैसा नाम हो वैसा ही पदार्थ हो उसे अन्वर्थ नाम कहते हैं-जैसे जो तपता है सो तपन अर्थात् सूर्य है।</p> | ||
[[Category:अ]] | [[Category:अ]] | ||
[[Category:पंचास्तिकाय]] | [[Category:पंचास्तिकाय]] | ||
[[Category:पंचास्तिकाय संग्रह]] | [[Category:पंचास्तिकाय संग्रह]] |
Revision as of 20:19, 24 May 2009
पंचास्तिकाय संग्रह / तात्पर्यवृत्ति / गाथा संख्या १/७/९ अन्वर्थनाम कि यादृश नाम तादृशोऽर्थः यथा तपतीति तपन आदित्य इत्यर्थः।
= जैसा नाम हो वैसा ही पदार्थ हो उसे अन्वर्थ नाम कहते हैं-जैसे जो तपता है सो तपन अर्थात् सूर्य है।