जालंधर: Difference between revisions
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―( पांडवपुराण/18/ श्लोक नं.) अर्जुन द्वारा कीचक के मारे जाने पर पांडवों के विनाश के लिए जालंधर युद्ध को प्रस्तुत हुआ।13। तहाँ पांडवों ने राजा विराट् को युद्ध में बाँध लिया।22। और गुप्तवेदी अर्जुन द्वारा बाँध लिया गया।40। | |||
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<p id="2">(2) एक राजा । इसने विराट् राजा की गायों का हरण किया था । इस कारण विराट् राजा के साथ हुए युद्ध में इसने विराट् राजा को बाँध लिया था । इसके पश्चात् हुए युद्ध में पांडव भीम ने इसके सारथी को मारकर इसे पकड़ लिया था और राजा विराट् को बंधनों से मुक्त कराया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 18.4,12,27-29, 40-41 </span></p> | |||
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Revision as of 16:23, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से == ―( पांडवपुराण/18/ श्लोक नं.) अर्जुन द्वारा कीचक के मारे जाने पर पांडवों के विनाश के लिए जालंधर युद्ध को प्रस्तुत हुआ।13। तहाँ पांडवों ने राजा विराट् को युद्ध में बाँध लिया।22। और गुप्तवेदी अर्जुन द्वारा बाँध लिया गया।40।
पुराणकोष से
(1) इस नाम का एक देश । इस देश का राजा द्रौपदी के स्वयंवर में आया था । पांडवपुराण 15.63
(2) एक राजा । इसने विराट् राजा की गायों का हरण किया था । इस कारण विराट् राजा के साथ हुए युद्ध में इसने विराट् राजा को बाँध लिया था । इसके पश्चात् हुए युद्ध में पांडव भीम ने इसके सारथी को मारकर इसे पकड़ लिया था और राजा विराट् को बंधनों से मुक्त कराया था । पांडवपुराण 18.4,12,27-29, 40-41