अभिमान: Difference between revisions
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[[सर्वार्थसिद्धि]] अध्याय संख्या ४/२१/२५२ मानकषायादुत्पन्नोऽहंकारोऽभिमानः।< | <p class="SanskritPrakritSentence">[[सर्वार्थसिद्धि]] अध्याय संख्या ४/२१/२५२ मानकषायादुत्पन्नोऽहंकारोऽभिमानः।</p> | ||
<p class="HindiSentence">= मान कषायके उदयसे उत्पन्न अहंकारको अभिमान कहते हैं।</p> | <p class="HindiSentence">= मान कषायके उदयसे उत्पन्न अहंकारको अभिमान कहते हैं।</p> | ||
([[राजवार्तिक | राजवार्तिक]] अध्याय संख्या ४/२१/४/२३६)।<br> | ([[राजवार्तिक | राजवार्तिक]] अध्याय संख्या ४/२१/४/२३६)।<br> |
Revision as of 21:13, 24 May 2009
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ४/२१/२५२ मानकषायादुत्पन्नोऽहंकारोऽभिमानः।
= मान कषायके उदयसे उत्पन्न अहंकारको अभिमान कहते हैं।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/२१/४/२३६)।