अभेद वृत्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 22:37, 22 July 2020
राजवार्तिक अध्याय 4/42/14/253/1 द्रव्यार्थत्वेनाश्रयेण तदव्यतिरेकादभेदवृत्ति।
= द्रव्यार्थिक नयके आश्रयसे द्रव्य गुण आदिका व्यतिरेक न होनेके कारण अभेद वृत्ति है।
( सप्तभंग तरंङ्गिनी पृष्ठ 19/13)।