अरति: Difference between revisions
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<p id="1">(1) इस नाम का एक परीषह― रागद्वेष के कारणों के उपस्थित होने पर भी किसी से राग-द्वेष नहीं करना । <span class="GRef"> महापुराण 36.118 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) इस नाम का एक परीषह― रागद्वेष के कारणों के उपस्थित होने पर भी किसी से राग-द्वेष नहीं करना । <span class="GRef"> महापुराण 36.118 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषाओं में द्वेष उत्पन्न करने वाली एक भाषा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.91-94 </span></p> | <p id="2">(2) सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषाओं में द्वेष उत्पन्न करने वाली एक भाषा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.91-94 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
अरति कषाय द्वेष है - देखें कषाय - 4।
पुराणकोष से
(1) इस नाम का एक परीषह― रागद्वेष के कारणों के उपस्थित होने पर भी किसी से राग-द्वेष नहीं करना । महापुराण 36.118
(2) सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषाओं में द्वेष उत्पन्न करने वाली एक भाषा । हरिवंशपुराण 10.91-94