अमृतचंद्र: Difference between revisions
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<p>आप एक प्रसिद्ध आचार्य हुए हैं। कोई इन्हें काष्ठासंघी कहते हैं। कृतियाँ-1. समयसार पर आत्मख्याति टीका; 2. प्रवचनसार पर तत्त्वदीपिका टीका; 3. पंचास्तिकाय पर तत्त्वप्रदीपिका टीका; 4. परमाध्यात्म तरंगिनी; 5. पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय; 6. तत्त्वार्थसार; 7. लघु तत्त्व स्फोट। समय-पट्टावलीमें इनका पट्टारोहण काल वि. 962 दिया गया है। पं. | <p>आप एक प्रसिद्ध आचार्य हुए हैं। कोई इन्हें काष्ठासंघी कहते हैं। कृतियाँ-1. समयसार पर आत्मख्याति टीका; 2. प्रवचनसार पर तत्त्वदीपिका टीका; 3. पंचास्तिकाय पर तत्त्वप्रदीपिका टीका; 4. परमाध्यात्म तरंगिनी; 5. पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय; 6. तत्त्वार्थसार; 7. लघु तत्त्व स्फोट। समय-पट्टावलीमें इनका पट्टारोहण काल वि. 962 दिया गया है। पं. कैलाशचंदके अनुसार वि.श.10। अतः ई.905-955।</p> | ||
<p>(जै./2/173,186,336); ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/405)।</p> | <p>(जै./2/173,186,336); ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/405)।</p> | ||
Revision as of 16:17, 19 August 2020
आप एक प्रसिद्ध आचार्य हुए हैं। कोई इन्हें काष्ठासंघी कहते हैं। कृतियाँ-1. समयसार पर आत्मख्याति टीका; 2. प्रवचनसार पर तत्त्वदीपिका टीका; 3. पंचास्तिकाय पर तत्त्वप्रदीपिका टीका; 4. परमाध्यात्म तरंगिनी; 5. पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय; 6. तत्त्वार्थसार; 7. लघु तत्त्व स्फोट। समय-पट्टावलीमें इनका पट्टारोहण काल वि. 962 दिया गया है। पं. कैलाशचंदके अनुसार वि.श.10। अतः ई.905-955।
(जै./2/173,186,336); ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/405)।