मानसस्तंभिनी: Difference between revisions
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अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । पद्मपुराण 7.163