संभांत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> पहली धर्मा पृथिवी के तेरह प्रजा से में छठे प्रस्तार का छठा | <p> पहली धर्मा पृथिवी के तेरह प्रजा से में छठे प्रस्तार का छठा इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ छिहत्तर तथा विदिशाओं में एक सौ बहत्तर श्रेणीबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.76, 94 </span></p> | ||
Revision as of 16:40, 19 August 2020
पहली धर्मा पृथिवी के तेरह प्रजा से में छठे प्रस्तार का छठा इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ छिहत्तर तथा विदिशाओं में एक सौ बहत्तर श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.76, 94