सिंधुनद: Difference between revisions
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<p> | <p> जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र का एक नसर । चक्रवर्ती हरिषेण अनेक देशों में भ्रमण करते हुए यहाँ आये थे । इसी नगर में हाथी उन्मत्त हुआ था जिसे हरिषेण ने वंश में कर के नागरिकों की रक्षा की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.319-340 </span></p> | ||
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Revision as of 16:39, 19 August 2020
जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र का एक नसर । चक्रवर्ती हरिषेण अनेक देशों में भ्रमण करते हुए यहाँ आये थे । इसी नगर में हाथी उन्मत्त हुआ था जिसे हरिषेण ने वंश में कर के नागरिकों की रक्षा की थी । पद्मपुराण 8.319-340