आत्मानुशासन: Difference between revisions
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आ.गुणभद्र (ई.८०३-८९५) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध आध्यात्मिक शास्त्र है। इसमें २७० श्लोक हैं। इस पर पं.टोडरमलजी (ई.१७५७) ने भाषामें टीका लिखी है। | आ.गुणभद्र (ई.८०३-८९५) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध आध्यात्मिक शास्त्र है। इसमें २७० श्लोक हैं। इस पर पं.टोडरमलजी (ई.१७५७) ने भाषामें टीका लिखी है। <br> | ||
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Revision as of 11:02, 25 May 2009
आ.गुणभद्र (ई.८०३-८९५) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध आध्यात्मिक शास्त्र है। इसमें २७० श्लोक हैं। इस पर पं.टोडरमलजी (ई.१७५७) ने भाषामें टीका लिखी है।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ३/११)