अघातिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> जीव के उपयोग गुण के अघातक कर्म । ये चार होते हैं—वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र । <span class="GRef"> महापुराण 54.227-228 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.207-210 | <p> जीव के उपयोग गुण के अघातक कर्म । ये चार होते हैं—वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र । <span class="GRef"> महापुराण 54.227-228 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.207-210 </span>देखें [[ कर्म ]]</p> | ||
Revision as of 14:38, 20 September 2020
जीव के उपयोग गुण के अघातक कर्म । ये चार होते हैं—वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र । महापुराण 54.227-228 हरिवंशपुराण 9.207-210 देखें कर्म