अतिभूति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> दारुग्राम के निवासी विमूचि ब्राह्मण तथा उसकी भावी अनुकोशा का पुत्र । यह हिंसा का समर्थक तथा मुनिद्वेषी था । इसलिए दुर्ध्यान से मरकर दुर्गति को प्राप्त हुआ था । यही आगामी भव में सीता का भाई भामंडल हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 30.116-135 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> दारुग्राम के निवासी विमूचि ब्राह्मण तथा उसकी भावी अनुकोशा का पुत्र । यह हिंसा का समर्थक तथा मुनिद्वेषी था । इसलिए दुर्ध्यान से मरकर दुर्गति को प्राप्त हुआ था । यही आगामी भव में सीता का भाई भामंडल हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 30.116-135 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:51, 14 November 2020
दारुग्राम के निवासी विमूचि ब्राह्मण तथा उसकी भावी अनुकोशा का पुत्र । यह हिंसा का समर्थक तथा मुनिद्वेषी था । इसलिए दुर्ध्यान से मरकर दुर्गति को प्राप्त हुआ था । यही आगामी भव में सीता का भाई भामंडल हुआ । महापुराण 30.116-135