अद्धाच्छेद: Difference between revisions
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<p class="SanskritText">कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3, 22/20/15/3 चरिमणिसेयस्य कालो उक्कस्स अद्धाच्छेदो णाम। </p> | <p class="SanskritText">कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3, 22/20/15/3 चरिमणिसेयस्य कालो उक्कस्स अद्धाच्छेदो णाम। </p> | ||
<p class="HindiText">= (बद्ध कर्मके) अंतिम निषेक के | <p class="HindiText">= (बद्ध कर्मके) अंतिम निषेक के काल को उत्कृष्ट अद्धाच्छेद कहते हैं।</p><br> | ||
<p class="SanskritText">कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3,22/$513/292/5 सयलणिसेयगयकालपहाणो अद्धाच्छेदो सयलणिसेगपहाणा ट्ठिदि त्ति। </p> | <p class="SanskritText">कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3,22/$513/292/5 सयलणिसेयगयकालपहाणो अद्धाच्छेदो सयलणिसेगपहाणा ट्ठिदि त्ति। </p> | ||
<p class="HindiText">= सर्व निषेकगत काल-प्रधान अद्धाच्छेद होता है और सर्व निषेकप्रधान स्थिति होती है।</p> | <p class="HindiText">= सर्व निषेकगत काल-प्रधान अद्धाच्छेद होता है और सर्व निषेकप्रधान स्थिति होती है।</p> | ||
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Revision as of 18:57, 17 September 2022
कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3, 22/20/15/3 चरिमणिसेयस्य कालो उक्कस्स अद्धाच्छेदो णाम।
= (बद्ध कर्मके) अंतिम निषेक के काल को उत्कृष्ट अद्धाच्छेद कहते हैं।
कषायपाहुड़ पुस्तक 3/3,22/$513/292/5 सयलणिसेयगयकालपहाणो अद्धाच्छेदो सयलणिसेगपहाणा ट्ठिदि त्ति।
= सर्व निषेकगत काल-प्रधान अद्धाच्छेद होता है और सर्व निषेकप्रधान स्थिति होती है।